Mansi savita

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लेखनी प्रतियोगिता -11-Oct-2023

एक लड़की अरमान सजाए बैठी थी गुमसुम सी
उसके दिल में था कोई और वो ख्यालों में थी खोई
कुछ कह न सकते घर में अपने 
बस जुदाई में थोड़ा रोई
उसकी शादी के अरमान घर वालो ने तय किए थे
क्या करती मन का तो था नहीं पर  खामोशी से हां किया था
अक्सर रातों में वो तकियों से छुपकर रोती
खुश हो कर के हां बेहद खुश हूं खुशी के आंसू में खोती
ऐसे कब तक सहती वो वक्त नजदीक आ रहा था
उसने खुद को समझाया थोड़ा सा फुसलाया
तब एक बात उसके दिल में आई
मन का हो तो अच्छा होगा न हो तो भी अच्छा होगा
ऐसे समझाना ही उचित था परिवार की खुशियां मुझसे थी
खुदा का इशारा परिवार की खुशियों से
मैं भी खुश हूं मां मेरी मन तो मैंने बना लिया है
मन का तो अच्छा न हो तो भी अच्छा ये खुद को समझा लिया
शायद ये ही खुदा का इशारा हो 
शादी कर रिश्ते में बंध मैंने भी 
मन का अच्छा मान शादी कर साथ दिया
मन का अच्छा हो तो बेहतर न हो तो भी गम नही 
क्योंकि ईश्वर आपके लिए सबसे बेहतर देता किसी से कम नहीं।।।

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5 Comments

Mohammed urooj khan

12-Oct-2023 11:05 PM

👌👌👌👌

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RISHITA

12-Oct-2023 10:17 AM

बहुत खूब

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Punam verma

12-Oct-2023 07:26 AM

Nice👍

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